विजयादशमी 2023
विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण सनातन परंपरा वाला त्योहार है जो भारत और दक्षिण एशिया के अन्य क्षेत्रों में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। यह उत्सव अश्विन मास के उज्ज्वल पक्ष के दसवें दिन को मनाया जाता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के सितंबर या अक्टूबर में आता है। “विजय” शब्द का अर्थ होता है विजय, और “दशमी” दसवां दिन को दर्शाता है। यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है, जो हिन्दू धर्म के महाकाव्य “रामायण” में भगवान राम की रावण के खिलाफ जीत का प्रतीक है। इसके अलावा देवी माँ दुर्गा की महिषासुर नामक दानव पर विजय के रूप में भी मनाया जाता है। विजयादशमी को दशहरा अथवा दसरा के नाम से भी जाना जाता है। नेपाल में दशहरा को दशैं के रूप में मनाया जाता है।
विजयादशमी का महत्व:
विजयादशमी का अर्थ होता है “विजय का दिन”। इस दिन को शारदीय नवरात्रि के दसवें और आखिरी दिन के रूप में मनाया जाता है और यह दशहरा के रूप में जाना जाता है. इस दिन को विजयादशमी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षस राज रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसके अलावा, देवी माँ दुर्गा की महिषासुर नामक दानव पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन को विजयादशमी कहा जाता है क्योंकि यह पर्व धर्म और सजगता के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
धार्मिक महत्व: विजयादशमी सनातन हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। इसे भगवान राम के द्वारा राक्षसराज रावण पर की गई विजय का दिन माना जाता है, जब रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का हरण किया था। यह धर्म की विजय का प्रतीक है, जिसमें धर्म की जीत और अधर्म की हार का महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह धर्म की विजय का प्रतीक है, जिसमें धर्म की जीत और अधर्म की हार का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
माँ दुर्गा की पूजा: भारत के कई हिस्सों, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, और अन्य पूर्वी राज्यों में, विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन को चिन्हित करता है, जो माता दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष धूमधाम और बड़े-बड़े जनसमूहों के साथ मनाया जाता है। माता दुर्गा की मूर्ति को पानी में विसर्जित करते है जो उनके देव आवास पर वापस लौटने का संकेत देता है।
रावण दहन: विजयादशमी के दिन, विभिन्न हिस्सों में रावण दहन के आयोजन किए जाते हैं। इसमें रावण की प्रतिमा को आग में जलाने का आयोजन शाम को किया जाता है,
नई शुरुआतों के लिए: विजयादशमी को नई शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है, चाहे वो व्यवसाय की शुरुआत हो, शिक्षा की शुरुआत हो, या नई गाड़ी की खरीद हो।मान्यताओं के आधार पर इस दिन पर प्रारम्भ किया हुआ कोई भी नया कार्य आपको निराशा नहीं प्रदान करता है वो आपको सफलता अवश्य दिलाता है। इस दिन को सफलता और शुभकामनाओं की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं दशहरा ?
दशहरा प्रत्येक वर्ष अश्विन या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इस साल 24 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. दशहरा असत्य पर सत्य की जीत के तौर पर मनाया जाता है। दशहरा सनातन हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। इसी दिन भगवान राम ने दशानन रावण का वध किया था, इसलिए इसे दशहरा कहते हैं। दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन कर शहर गांव कस्बे मे बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है। दशहरा में भारत के कई जगहों पर बड़े मेले का आयोजन भी किया जाता है।
विजयादशमी का शुभ मुहूर्त 2024:
ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार विजयदशमी तिथि को देखकर नहीं, बल्कि नक्षत्र को देखकर मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है। सर्वना नक्षत्र में माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है. इस वर्ष 23 अक्टूबर 2023 को दोपहर 1बजकर 40मिनट से लेकर रात के 2 बजकर 46 मिनट तक सरवाना नक्षत्र है, इसलिए 23 अक्टूबर2023 को ही विजयादशमी मनाई जाएगी.
विजयादशमी – दिन मंगलवार 24 अक्टूबर 2023
विजय मुहूर्त: 01:58 PM to 02:43 PM
समय: 00 Hours 45 Mins
दशमी तिथि प्रारंभ: 05:44 PM, 23 अक्टूबर , 2023
दशमी तिथि समाप्त: 03:14 PM, 23 अक्टूबर , 2023
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ : 06:44 PM, 22 अक्टूबर , 2023
श्रवण नक्षत्र समाप्तः 05:14 PM, 23 अक्टूबर , 2023
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। Publicreact.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)