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Ram Navami 2024: राम नवमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती और महत्व!

राम नवमी 2024 पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती और महत्व के बारे में विस्तार से। Ram Navami Tithi Begins and end tithi 2024 in Hindi.

राम नवमी 2024, श्री राम सिर्फ एक नाम ही नहीं अपितु, ये स्वयं में एक युग और संसार हैं। भगवान् श्री राम के जीवन का वर्णन कई  काव्यों ,पुराणों और महापुराणों के माध्यम से हमारे पूर्वज और ऋषि मुनियों ने हम तक हमारी मातृ भाषा में पहुँचाने का सफल प्रयास किया है। भगवान् श्री राम के महान चरित्र और उनके जीवन की कथा भारत के सभी क्षेत्रीय भाषायों में उपलब्ध है। सभी महापुरषों और महाकवियों द्वारा वर्णित श्री राम की कथा, उनकी श्री राम के प्रति अटूट भावनाओं,और आस्था को प्रदर्शित करती है।

जैसे कि महाकवि वाल्मिकी जिन्हें भगवान् वाल्मिकी भी कहा जाता है उन्होने श्री राम को रामायण महाकाव्य में एक मर्यादित पुरुष के रूप में वर्णित किया है तथा महाकवि तुलिसदास ने रामचरित्र मानस में श्री राम को ईश्वर मानकर उनके जीवन का उल्लेख किया है। दोनों ही महाकाव्य अलग-अलग भाषा में वर्णित है |

महाकवि वाल्मिकी जी की रामायण सबसे प्राचीन देवभाषा संस्कृत में तथा महाकवि तुलसीदास जी की रामचरित्र मानस अवधी(हिंदी)भाषा में लिखा  है।

मर्यादा पुरषोत्तम भगवान् श्री राम की जन्म कथा

रामायण और रामचरितमानस दोनों में भगवान् श्री राम का जीवन परिचय बड़े ही विस्तार से मिलता है। दोनों ही महाकाव्यों के आधार पर अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी,और उनके जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी परन्तु तीनों रानियों में से किसी से भी कोई संतान नहीं थी जिससे वो बहुत ही चिन्तित और व्याकुल रहते थे। एक दिन महाराजा दशरथ ने महर्षि वशिष्‍ठ से अपनी चिंता के बारे बताया।

इस पर महर्षि वशिष्‍ठ ने कहा कि तुम चिंता न करो, तुम्हे अवश्य पुत्र प्राप्त होगा लेकिन उसके लिए तुम्हे पुत्रेष्ठि नामक एक यज्ञ का अनुष्ठान करवाना पड़ेगा। राजा दशरथ यह सुनकर अत्यधिक प्रसन्न हुए और वो पुत्रेष्ठि नामक यज्ञ करवाने की तैयारी में लग गए।

यज्ञ सम्पूर्ण हुआ और हवन से प्राप्त खीर, राजा दशरथ की तीनों रानियों कौशल्या्,सुमित्रा और कैकेयी को प्रसाद के रूप में खाने के लिये प्रदान की गई। प्रसाद ग्रहण करने से तीनों रानियों ने गर्भधारण किया और चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में जब सूर्य, मंगल, शनि, बृहस्पति तथा शुक्र अपने उच्च स्थानों में विराजमान थे तब कर्क लग्न के उदय होते ही माता कौशल्या के गर्भ से भगवान श्री विष्णु ने श्री राम के रूप में इस धरती पर जन्म लिया | इनके पश्चात शुभ नक्षत्रों में ही कैकेयी से भरत व सुमित्रा से लक्ष्मण व शत्रुघ्न का भी जन्म हुआ ।

राम नवमी का महत्त्व

हिन्दूा पौराणिक मान्येताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्लै पक्ष की नवमी को श्री हरि विष्णु के अवतार श्री राम ने मनुष्य रूप में जन्म लिया था| मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्मोयत्स व भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी राम नवमी के रूप में बड़ी आस्था के साथ मनाते हैं। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और पूरा माहौल राममय हो जाता है। आज के पावन दिन हजारों की संख्या में भक्त भगवान श्री राम की जन्म स्थ्ली अयोध्या पहुंचर सरयू नदी में स्नान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन सरयू नदी में स्नान करने से सभी पाप, दुःख नष्ट हो जाते हैं और भक्तों को भगवान राम की असीम कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि राम नवमी के दिन भगवान राम की विधि-विधान से  विशेष पूजा पाठ और हवन किया जाता है। पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज के दिन भगवान श्री राम की पूजा उनके बाल रूप रामलला को पालने में झूला-झुलाकर की जाती है।

हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन:स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतरित हुए थे। भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक और पुरषो में श्रेष्ठ माना जाता है जिससे उन्हें मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम भी कहा जाता है। राम नवमी के दिन ही चैत्र नवरात्रि के त्योहार का समापन भी होता है।

वैसे तो चैत्र नवरात्रि का हर दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है पर नवरात्रि के 9वें दिन का महत्व राम नवमी के कारण और और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दिन को साल के बेहद शुभ दिवसों की श्रेणी में रखा गया है। रामनवमी के दिन मां दुर्गा और श्री राम मां सीता का पूजन किया जाता है|इस दिन का महत्व इतना ज्यादा है कि लोग नये घर, दुकान या प्रतिष्ठान में नवमी के दिन ही पूजा-अर्चना कर प्रवेश करते हैं। इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है।

भगवान् श्री राम की कथा और उनके जीवन के बारे जानने के लिए आप महाकवि वाल्मिकी जी की ‘रामायण’, महाकवि तुलसीदास की ‘रामचरित्र मानस’ को पढ़े।

राम नवमी 2024 कब है?

रामनवमी 2024 प्रारंभ तिथि और समाप्ति तिथि

राम नवमी बुधवार, अप्रैल 16, 2024 को

राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – 11:03 से 13:38

अवधि 02 घण्टे 35 मिनट्स

राम नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:21 PM

नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 16, 2024 को 01:23 बजे

नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 17, 2024 को 03:14 बजे

नोट – यदि आप राम नवमी को English में पढ़ना चाहते है तो आप आगे दिए गये लिंक पर क्लिक करें Ram Navami

श्री राम चंद्र जी का मंत्र

  • श्री रामाय नमः॥
  • श्री राम जय राम जय जय राम॥
  • दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि,तन्नो राम प्रचोदयात्॥

श्री रामचंद्र जी की आरती

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

राम नवमी की शुभकामनाएं

नवमी तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष अभिजीत नव प्रीता,

मध्य दिवस अति शीत न घामा, पवन काल लोक विश्रामा।

राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं|

जिनके मन में श्री राम है, भाग्य में उसके वैकुण्ठ धाम है,

उनके चरणो में जिसने जीवन वार दिया, संसार में उसका कल्याण है।

नोट – आएये जानते है सीता नवमी 2024 पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती और महत्व.के बारे में विस्तार से।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। Publicreact.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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