धनतेरस: धन, समृद्धि, और धार्मिक महत्व का प्रतीक
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला पांच दिन के दीपावली त्योहार का आरंभ करता है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को मनाया जाता है, जो सामान्यत: अक्टूबर या नवम्बर में होती है. “धनतेरस” का शब्दिक अर्थ होता है “धन” (धन) और “13वीं तिथि” (तेरस), और यह एक प्राचीन परंपरागत त्योहार है जिसे बहुत उत्साह से मनाया जाता है।
धनतेरस 2023 पूजा का महत्व
धनतेरस वाले दिन लोग अपने घरों में सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए सोने-चांदी के गहने और बर्तन खरीदने के लिए निकलते हैं। यह त्यौहार आमतौर पर हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दिवाली से एक या दो दिन पहले मनाया जाता है। प्रसिद्ध समुद्र मंथन की प्रचलित कहानी के अनुसार, धनत्रयोदशी के दिन ही देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। यही कारण है कि हर साल त्रयोदशी तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा, इस दिन भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले धन्वंतरि और कुबेर जी की पूजा होती है। लोग इस दिन को अच्छे भाग्य के प्रतीक मानकर सोने या चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार धनतेरस 2023 पर ग्रहों की स्थिति दीर्घकालिक फाइनेंस स्कीम और संपत्ति की खरीद के लिए अनुकूल है।
आइये जानते है धनतेरस पर्व के महत्व और महत्वपूर्ण परंपराओं के बारे में विस्तार से।
आर्थिक सफलता की आशीर्वाद: धनतेरस का पर्व विशेष रूप से धन और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए मनाया जाता है। लोग इस दिन विशेष रूप से धन, आर्थिक संपत्ति, और सामृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा करते हैं और नई साल की आरंभ में नए निवेशों की योजना बनाते हैं.
आध्यात्मिक महत्व: धनतेरस का आध्यात्मिक महत्व भी उच्च होता है। इस दिन, लोग लक्ष्मी माता, धन्यलक्ष्मी, और धनवंतरि की पूजा करते हैं और उन्हें आराधना करके आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं.
व्यापारिक महत्व: धनतेरस का दिन व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि व्यापारी वर्ग इसे अपने व्यवसाय की वृद्धि के लिए एक शुभ मुहूर्त मानते हैं. व्यापारी अपनी धुकानों और व्यवसाय में नए निवेशों की योजना बनाते हैं और अपनी कार्यक्षेत्र में धन की प्राप्ति के लिए दिन को महत्वपूर्ण बनाते हैं.
पौराणिक महत्व: धनतेरस के पूर्वचरण के रूप में, इस दिन को यमराज के द्वारपालक गोलक निकट स्वर्ग लोक से पति और पत्नी के मिलन के दिन के रूप में माना जाता है. इसके अलावा, धन्यलक्ष्मी के आगमन का भी मान्यता है और लोग उनके आगमन का स्वागत करते हैं.
धनतेरस 2023 शुभ मुहूर्त :
धनतेरस पूजा शुक्रवार, नवम्बर 10, 2023 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त – 05:47 पी एम से 07:43 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 56 मिनट्स
यम दीपम शुक्रवार, नवम्बर 10, 2023 को
प्रदोष काल – 05:30 पी एम से 08:08 पी एम
वृषभ काल – 05:47 पी एम से 07:43 पी एम
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 10, 2023 को 12:35 पी एम बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त – नवम्बर 11, 2023 को 01:57 पी एम बजे
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। Publicreact.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)