होमआध्यात्म और त्यौहारअध्ययनसरस्वती आरती: देवी मां सरस्वती जी की पवित्र आरती...

सरस्वती आरती: देवी मां सरस्वती जी की पवित्र आरती के बोल यहाँ पढ़े।

देवी माँ सरस्वती की यह आरती उनकी महिमा, शक्ति और ज्ञान की देवी के रूप में उनकी उपासना को दर्शाती है। मां सरस्वती की पवित्र आरती के बोल और उनके अर्थ को विस्तार से यहाँ हिंदी में पढ़े। Goddess Saraswati Mata Aarti Lyrics in Hindi.

सरस्वती मां की आरती, देवी माँ सरस्वती की आरती सनातन हिंदू धर्म में ज्ञान, संगीत, और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह आरती विद्यार्थियों, कलाकारों, और ज्ञान की खोज में लगे व्यक्तियों द्वारा विशेष रूप से गाई जाती है। मां सरस्वती की आरती के माध्यम से, भक्त देवी से ज्ञान, बुद्धि, और संगीत की कला में प्रगति का आशीर्वाद मांगते हैं। आइए देखें देवी सरस्वती की एक प्रसिद्ध आरती:

सरस्वती मां की आरती (सरस्वती आरती इन हिंदी)

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥
जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥
जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥
जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥
जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥
जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती जी की आरती,जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥
जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥

देवी माँ सरस्वती जी की आरती और उनकी महिमा

देवी माँ सरस्वती की यह आरती उनकी महिमा, शक्ति और ज्ञान की देवी के रूप में उनकी उपासना को दर्शाती है। इस आरती के माध्यम से भक्त देवी से ज्ञान, बुद्धि और संगीत में उन्नति की कामना करते हैं। आरती गाने से भक्तों के मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और यह विश्वास दिलाता है कि देवी सरस्वती उनके जीवन में ज्ञान और सद्गुणों की वृद्धि करेंगी।

माँ सरस्वती

यह आरती न केवल पूजा के समय बल्कि शैक्षिक अवसरों पर भी गाई जाती है, जिससे शिक्षा के प्रति समर्पण और उत्साह का भाव जागृत होता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। Publicreact.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

नोट: हमारे द्वारा उपरोक्त लेख में अगर आपको कोई त्रुटि दिखे या फिर लेख को बेहतर बनाने के आपके कुछ सुझाव है तो कृपया हमें कमेंट या फिर ईमेल के द्वारा बता सकते है हम आपके सुझावों को प्राथिमिकता के साथ उसे अपनाएंगे धन्यवाद !

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा – तिथि, कथा और खीर रखने की अनोखी परंपरा

भारतीय संस्कृति में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस रात माँ लक्ष्मी...

Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी – कथा, पूजा विधि, आरती और राधा कुंड में स्नान

हिंदू धर्म में व्रत और उपवास केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि जीवन को अनुशासन और भक्ति से जोड़ने का माध्यम हैं। इन्हीं पवित्र व्रतों...

Vijayadashami: विजयादशमी 2025: बुराई पर अच्छाई की विजय का महापर्व

भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक विजयादशमी हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। यह पर्व बुराई...

भारतीय उत्सव

त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएं

संबंधित पोस्ट