आकर्षण का केंद्र बनना हर मनुष्य का एक सपना होता है। वर्तमान समय में व्यक्ति का ख़ुद के लिए अत्यधिक आकर्षण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इसके लिए वो दिन रात नए तरीक़े ढूढ़ने की कोशिश में लगा रहता है। बस मनुष्य की ये चाहत होती है कि वो हमेशा फिट दिखे, पर न तो ये पूर्णतया संभव है और न ही असंभव। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी वज़ह के बारे में जिससे की कोई मनुष्य चाहे जितना भी क्यों न खा ले और कई तरह से कोशिश भी कर ले पर उनका मोटापा नहीं बढ़ता और वो दुबला-पतला ही बना रहता है।
अक्सर हमने देखा है कि स्वस्थ रहने और वजन को नियंत्रित रखने के लिए हमें इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि हम क्या खा रहे हैं और कितना वर्कआउट कर रहे हैं। परन्तु हम कुछ लोगो को देखते हैं कि अधिक जंक फूड और हेल्दी खाना खाने वाले और कभी भी वर्कआउट न करने वालों की कमर पर चर्बी ज़रा सी भी नहीं बढ़ती। ऐसा देख कर अक्सर लोगों के मन में ये बात आती है कि इसके पीछे का राज क्या है।
अनहैल्दी और जंकफूड खाने वाले के भी दुबले-पतले होने के राज़
इस प्रश्न का ज़वाब सीधा-सा तो नहीं है फिर भी बहुत से लोगों को ये लग सकता है कि शायद ये तेज मेटाबोलिज्म दुबले-पतले होने की मुख्य वज़ह हो सकती है मगर ऐसा बिलकुल नहीं है। आनुवांशिकी गुण, पोषक तत्व और कुछ व्यवहार संबंधी कारक भी शरीर को दुबला पतला बनाने में सहायक हो सकते हैं । हर व्यक्ति क़ुदरती रूप से अलग है और उसका अत्यधिक खाना और तमाम कोशिश करने के बावजूद वज़न न बढ़ना इस बात पर निर्भर करता है कि ये सभी कारक उसके दैनिक जीवन में कितना प्रभाव डालते हैं।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना
दुबले पतले लोगों की फिजिकल एक्टिविटी भी उनकी काफी हद तक मदद करती है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का ये मतलब बिलकुल भी नहीं हो सकता है कि आप जिम में घंटों समय बिताएं। दिन में टहलना, घर के कामों में व्यस्त रहना भी शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का अच्छा माध्यम है।
एक अध्ययन से ये पता चला है कि कुछ लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा आनुवांशिक कारणों से वजन नियंत्रित रहता है और तेजी से कैलोरी बर्न होती रहती है। इसके अलावा, कुछ लोग दूसरों की अपेक्षा एक ही एक्सरसाइज करके अधिक कैलोरी बर्न कर लेते हैं। यह पूर्णतयाः उनके आनुवांशिक कारणों पर निर्भर करता हैं।
वजन बढ़ाने और घटाने में आनुवांशिक कारणों की भूमिका
किसी व्यक्ति का वजन बढ़ाने या वजन घटाने में आनुवंशिकी की मुख्य भूमिका होती है। तत्कालीन सर्वे 2019 से ये निष्कर्ष निकाला गया है कि पतले प्रतिभागियों में मोटापे से जुड़े जीन कम थे। लेकिन एकमात्र जीन ही वजन बढ़ाने या वजन घटाने में योगदान नहीं देता है। अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटापे के पारिवारिक इतिहास वाले लोग भी पतले थे।
व्यक्ति के शरीर का वजन को निर्धारित करने में उसके जीन की मुख्य भूमिका हो सकती है लेकिन उसके अलावा आपके जीवन की दिनचर्या, सोने के समय, शराब के सेवन की मात्रा, भोजन, तथा व्यक्ति के शारीरिक गतिविधियों से भी उसके वजन पर प्रभाव पड़ता है।
अगर आप भी जरुरत से ज्यादा मोटे हैं तो आपको अपनी दैनिक दिनचर्या और जीवनशैली की आदतों में बदलाव करना चाहिए। यह प्रभावी ढंग से आपका वजन कम करने में आपकी मदद करेगा और आपकी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को भी दूर करेगा।