नई शिक्षा नीति 2020
देश में कई दशकों के बाद शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति 2020 का लागू होना एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। नई शिक्षा नीति कैबिनेट में पारित होने के बाद सबके मन में अब एक ही सवाल है की कहीं ये सिर्फ एक बिल मात्र न रह जाये और सभी सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ एजेंसियों तक घर से लेकर शैक्षिणिक संस्थानों तक में इसकी चर्चा आम हो गई है इस नीति को लेकर लोग बहुत उत्साहित भी है और चिंतित भी।
अगर आप भी इस बिल से चिंतित है कि इससे क्या फायदा है और क्या नुक़सान है तो आइये जानते है इस बिल से होने वाले फायदे और नुक़सान के बारे में–
नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से फायदा
- स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3 से 8 वर्ष , 8 से 11 वर्ष , 11 से 14 वर्ष , और 14 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए होगा।
- नई शिक्षा नीति में, पाँचवी क्लास तक विद्यार्थी की मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई जाएगी जिससे विद्यार्थी बेहतर समझ सके।
- विदेशी भाषाओं की पढ़ाई जैसे इंग्लिश सेकेंडरी लेवल से होगी|
- नई शिक्षा नीति में किसी भी भाषा को विद्यार्थी पर थोपा नहीं जाएगा। जिससे विद्यार्थी अपनी भाषा में अपने रूचि के अनुसार बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके।
- अभी स्कूल तथा प्रारंभिक शिक्षा से दूर रह रहे दो करोड़ बच्चों को दोबारा मुख्य धारा में वापस लाया जाएगा। जिससे भारत की साक्षरता दर बढ़ सके और सभी को कम से कम बेसिक शिक्षा दी जा सके। इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- छठवीं क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे, इसके लिए इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी| इसके अलावा म्यूज़िक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे छात्र अपनी रूचि के आधार पर आगे की पढाई पूरी कर सके और उसमे अपना भविष्य बना सके।
- उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए जा सकते है। जो छात्र रिसर्च या रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहते हैं उनके लिए चार साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। जो लोग रोजगार करना चाहते है वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे लेकिन जो रिसर्च में जाना चाहते हैं वो एक साल के एमए (MA) के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद सीधे पीएचडी (PhD) कर सकते हैं। उन्हें एमफ़िल (M.Phil) की ज़रूरत नहीं होगी|
- नई शिक्षा नीति से अब यहाँ पर भी विश्वस्तरीय विद्यालय होंगे जिससे आपको एक बेहतर शिक्षा आपके देश भारत में ही मिल सके और दूसरे देशो के विद्यार्थोयों को भी अन्य देशो के अलावा भारत में बेहतर शिक्षा पाने का विकल्प मिले |