हनुमान जयंती, हिन्दू महाकाव्य रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, हनुमान जी का जन्म वानरराज केसरी और माता अंजना के घर हुआ था । हिन्दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अन्यन भक्त हनुमान को ‘संकट मोचक’ माना जाता है। मान्यता है की संकट मोचन हनुमान जी का नाम लेते ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उनके नाम के स्मरण मात्र से सभी आसुरी शक्तियां निष्क्रिय हो जाती हैं। हनुमान जी के जन्मोत्सव को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। कथाओं के अनुसार महावीर हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्म लिया था। सनातन हिन्दू धर्म में हनुमान जयंती की एक विशेष मान्यता है। मान्यताओ के अनुसार हनुमान जी को परम बलशाली और मंगलकारी माना जाता है।
हनुमान जयंती 2024
भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव उत्तर भारतीय भक्तों के द्वारा कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है। वायुपुराण में एक श्लोक वर्णित है- आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः। मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।। अर्थार्थ- महावीर हनुमान जी का जन्म कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ था।
संकट मोचन हनुमान जी का जन्मदिन एक वर्ष में दो बार मनाया जाता है। दक्षिण के वासी इनका जन्म दिवस चैत्र पूर्णिमा को मानते हैं, जबकि उत्तर के वासी हनुमान जी का जन्म दिवस कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मानते हैं।
हनुमान नाम कैसे पड़ा ?
हनुमान जी बाल्यकाल से ही तरह-तरह की लीलाएं और बाल्यकालायें करते रहते थे। एक दिन उन्हें बहुत भूख लगी तो सूर्य को मधुर फल समझकर अपने मुंह में निगल लिया। जिसके कारण सभी दिशाओं और सृष्टि में अंधकार छा गया। इसे विपत्ति समझकर देवताओ के राजा इंद्र ने बालक मारूति पर व्रज से प्रहार किया। इसके प्रभाव से उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई। इसी वजह से बालक मारूति का नाम हनुमान पड़ा। हनुमान जी को बजरंगबली, पवन पुत्र, अंजनी पुत्र, राम भक्त, ऐसे ही कई नामों से भी पुकारा जाता है।
भगवान हनुमान जयंती का महत्व
वैसे तो भक्त बजरंग बली की पूजा-पाठ सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को बड़ी श्रद्धा से करते है। कथाओं के अनुसार मंगलवार को हनुमान जी का ध्यान और पूजा करने से भक्तो के सभी संकट, ‘संकट मोचन हनुमान’ पल भर में दूर करते है परन्तु भक्तो के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा, हनुमान आरती, सुन्दरकाण्ड, हनुमान बाहुक का पाठ बड़ी ही श्रद्धा भक्ति के साथ करते हैं।
मान्यता है कि इस दिन 5 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से संकट मोचन प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। आज के दिन मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है। शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जी की जयंती में कई जगहों पर मेला और भंडारा भी लगता है।
हनुमान जी को सिन्दूर क्यों चढ़ायें ?
राम कथा के अनुसार, एक बार अपने श्रृंगार कच्छ में बैठ कर माता सीता अपने माथे पर सिंदूर लगा रही थी तभी हनुमान जी वहां आये उन्होंने माँ सीता को देखकर पूछा, “माँ आप ये सिन्दूर क्यों लगा रही है?” तभी माँ सीता ने कहा कि, “इससे पति की उम्र बढ़ती है और यह सिन्दूर श्रीराम के प्रति प्रेम एवं सम्मान का प्रतीक है।“ संकट मोचन हनुमान भगवान श्री राम के परम भक्त थे बस उन्होंने भी अपने प्रभु श्रीराम के अत्यधिक में प्रेम माता सीता की यह बात सुनकर अपने पूरे शरीर में सिन्दूर लगा लिया | इस घटना के आधार पर ही हनुमान जी को ‘लाल हनुमान’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त हनुमान जी को सिन्दूर का चोला चढ़ाता है वो हनुमान जी का प्रिय भक्त बन जाता है और हनुमान जी उसके सारे कष्ट पल में दूर करते हैं |
हनुमान जयंती के व्रत में रखे ध्यान
- हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है ,स्नान के बाद साफ-धुले कपड़े पहनें।
- तामसी भोजन, मांस या मदिरा का सेवन न करें।
- व्रत में नमक का सेवन न करें |
- हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं इसलिए स्त्रियाँ उनके स्पर्श से दूर रहें और ना ही वस्त्र अर्पित करें। मान्यता है कि महिलाएं हनुमान जी को उनकी पुत्र के रूप में पूजा करती हैं और चरणों में दीपक प्रज्ज्वलित करती हैं ।
संकट मोचन हनुमान जयंती शुभ मुहर्त, पूजा विधि, मंत्र, और आरती
हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहर्त
मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 को हनुमान जयंती
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 23 अप्रैल 2024 को प्रातः 03:25 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे
हनुमान जयंती पूजा विधि
आज के पावन दिन में भक्त प्रातः उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें। स्नान करने के बाद हनुमान जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं, पान का बीड़ा चढ़ाएं और गुड़-चना, इमरती, लड्डू या बूँदी का भोग लगायें। पूजा समापन के बाद प्रसाद का वितरण करें।
हनुमान जी का मंत्र
ॐ श्री हनुमंते नम: ||
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनिजन आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥
कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
हनुमान जयंती की सर्वोत्तम विशेस इन हिंदी (Hanuman Jayanti Wishes in Hindi 2024)
हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर, बजरंगबली का आशीर्वाद आपके जीवन को शक्ति, वीरता और बुद्धि से परिपूर्ण करे। शुभ हनुमान जयंती!
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीश तिहूँ लोक उजागर। हनुमान जयंती की ढेरों शुभकामनाएं।
बजरंगबली की कृपा से, आपके जीवन के सभी दुख दूर हों और खुशियों की बहार आए। हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
बजरंग बली का पवित्र आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे। आपको हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई।
आपको और आपके परिवार को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं। महाबली हनुमान आपको सफलता, साहस और सुरक्षा प्रदान करें।
राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनी-पुत्र पवनसुत नामा। आपको हनुमान जयंती की अनेक शुभकामनाएं।
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