नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता, नवरात्रि के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के नौ रूपों में से एक रूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। माता अपने दो हाथों में कमल पुष्प धारण किए हुए है और एक हाथ से कुमार कार्तिकेय (स्कन्द कुमार) को गोद में लिए हुए हैं।
नवरात्रि का पांचवा दिन और उसकी कथा
पुराणों और कथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध में स्कन्द कुमार देवताओं के सेनापति बने थे और देवताओं को विजय दिलाई थी। इन्हें कुमार, शक्तिधर और मयूर पर सवार होने के कारण मयूरवाहक भी कहा जाता है। माँ दुर्गा का यह नाम श्री स्कन्द (कार्तिकेय) की माता होने के कारण पड़ा।
कथाओं के अनुसार एक बार इन्द्र ने कार्तिकेय का उपहास उड़ाना शुरू किया और बताया कि आप भगवान शिव और माता पार्वती की संतान नहीं हैं। इससे कुमार कार्तिकेय बहुत दुःखी हुए। माता ने कार्तिकेय का दुख समझ लिया और सिंह पर सवार होकर प्रकट हो गई। मां ने अपनी गोद में कार्तिकेय को उठाकर दुलार किया। स्कन्द कुमार बाल्यावस्था में माँ स्कंदमाता की गोद में बैठें हैं। स्कन्दमाता की आराधना करने वाले भक्तो को सुख शान्ति एवं शुभता की प्राप्ति होती है |
नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता ( Navratri’s fifth day Maa Skandamata in Hindi)
चैत्र नवरात्र मुहूर्त 2024:
चैत्र नवरात्रि पांचवा दिन, 13 अप्रैल 2024, दिन शनिवार – मां स्कंदमाता पूजा
शारदीय नवरात्र मुहूर्त 2024:
7 अक्टूबर 2024 – माँ स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता, क्या पहनें और क्या प्रसाद चढ़ाएं
तो आइये जानते है मां स्कंदमाता की पूजा विधि, शुभ मुहर्त, भोग, सामग्री इत्यादि के बारे में।
नवरात्रि के पांचवे दिन आपको माँ स्कंदमाता को बताशे का भोग लगाना चाहिए। वहीं, पूजा में कमलगट्टा, पान, सुपारी, लौंग का जोड़ा और किसमिस चढ़ाना चाहिए। स्कंदमाता की पूजा करने से प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो नि:संतान दंपत्ति हैं, उनको स्कंदमाता के आशीर्वाद पाने के लिए लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह सिंदूर, लाल चूड़ी, , लाल बिन्दी तथा सेब और लाल फूल एवं चावल बांधकर मां की गोद भरनी चाहिए जिससे संतान का सुख मिलता है। संकट और शत्रुओं पर विजय या उनका दमन करने के लिए भी स्कंदमाता की पूजा करना उत्तम होता है।
माँ स्कंदमाता जी का मंत्र
ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥
माँ स्कंदमाता जी की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
माँ स्कंदमाता जी की प्रार्थना
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
माँ स्कंदमाता जी का ध्यान
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्विनीम्॥
धवलवर्णा विशुध्द चक्रस्थितों पञ्चम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
अभय पद्म युग्म करां दक्षिण उरू पुत्रधराम् भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल धारिणीम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां चारू त्रिवली नितम्बनीम्॥
माँ स्कंदमाता स्त्रोत
नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्।
समग्रतत्वसागरम् पारपारगहराम्॥
शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्।
ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रदीप्ति भास्कराम्॥
महेन्द्रकश्यपार्चितां सनत्कुमार संस्तुताम्।
सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलाद्भुताम्॥
अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्।
मुमुक्षुभिर्विचिन्तितां विशेषतत्वमुचिताम्॥
नानालङ्कार भूषिताम् मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्।
सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेदमार भूषणाम्॥
सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्र वैरिघातिनीम्।
शुभां पुष्पमालिनीं सुवर्णकल्पशाखिनीम्
तमोऽन्धकारयामिनीं शिवस्वभावकामिनीम्।
सहस्रसूर्यराजिकां धनज्जयोग्रकारिकाम्॥
सुशुध्द काल कन्दला सुभृडवृन्दमज्जुलाम्।
प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरम् सतीम्॥
स्वकर्मकारणे गतिं हरिप्रयाच पार्वतीम्।
अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥
पुनः पुनर्जगद्धितां नमाम्यहम् सुरार्चिताम्।
जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवी पाहिमाम्॥
माँ स्कंदमाता की आरती:
जय तेरी हो स्कंदमाता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता।।
सब के मन की जानन हारी।
जग जननी सब की महतारी।।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।।
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा।।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरो में तेरा बसेरा।।
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।।
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तुम ही खंडा हाथ उठाएं ।।
दास को सदा बचाने आईं ।
‘चमन’ की आस जगाने आई ।।
जय जय तेरी हो स्कंदमाता |
नवरात्रि के पांचवें दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ( Navratri Day 5 Wishes in Hindi)
नवरात्रि के पांचवें दिन, माँ स्कंदमाता आपके जीवन में प्रेम और स्नेह की वर्षा करें। उनकी कृपा से आपके हर कदम पर सफलता मिले। शुभ नवरात्रि!
माँ स्कंदमाता की दिव्य शक्तियाँ आपको सभी बाधाओं से मुक्त करें और आपके जीवन को सुख-समृद्धि से भर दें। नवरात्रि की शुभकामनाएँ!
इस नवरात्रि, माँ स्कंदमाता आपके घर-आँगन को अपने दिव्य प्रेम से आलोकित करें और आपको हर सुख का आशीर्वाद दें। शुभ नवरात्रि!
माँ स्कंदमाता के आशीर्वाद से आपके जीवन में आनंद की अनंत धारा बहे। उनकी कृपा से आपको हर कठिनाई में विजय मिले। शुभ नवरात्रि!

नवरात्रि के पांचवें दिन, माँ स्कंदमाता आपके परिवार में सद्भाव और समृद्धि बढ़ाएं। आपका हर दिन मंगलमय हो। शुभ नवरात्रि!
माँ स्कंदमाता की अनुकंपा से आपके जीवन में नई उम्मीदें और सपने साकार हों। आपको नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर अनंत शुभकामनाएँ।
माँ स्कंदमाता की पवित्र कृपा आपके घर में खुशियों की बहार लाए। आपका जीवन सुखमय और समृद्धिशाली हो। शुभ नवरात्रि!
इस नवरात्रि पर, माँ स्कंदमाता आपको स्वास्थ्य, धन, और खुशियाँ प्रदान करें। आपके जीवन में प्रेम की दिव्यता बढ़े। शुभ नवरात्रि!
Note – If you wish to know, all about Navratri Day five in English then visit here Maa Skandamata 5th Form Of Goddess Durga
Note : जानिए मां दुर्गा के नौ रूप कौन-कौन से हैं और नौ विशेष भोग, उनकी पूजा विधि इत्यादि के बारे में।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। Publicreact.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)